सत्रह
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विशेषण
संज्ञा
संख्या १७
अनुवाद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
सत्रह ^१ संज्ञा पुं॰ [हि॰ सत्तरह]
१. सत्तरह की संख्या ।
२. पासे के खेल में एक दाँव जिसमें दो छक्के और एक पंजा साथ पड़ते हैं । उ॰— ढारि पासा साधु संगति फेरि रसना सारि । दाँव अब के परय़ो पूरो कुमति पिछली हारि । राखि सत्रह सुनि अठारह चोर पाँचो मारि । — सीर (शब्द॰) ।
सत्रह ^२ वि॰ दे॰ 'सत्तरह' ।