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  • साचय पु अव्य॰ [सं॰ सत्यम्] वस्तुतः । यथार्थतः । सचमुच । उ॰— सरन्नि राव राखि राखि मैं सरन्नि साचयं ।—ह॰ रासो, पृ॰ ५१ ।...
    ५५८ B (२० शब्द) - २०:५३, २६ मई २०१६
  • विद्बानों के मतानुसार व्याहृतियाँ सात है—भूः, भुवः, स्वः, महः जनः, तपः और सत्यम् । इनमें प्रारँभिक तीन महाव्याहृति कही गई है और ये सवितृ और पृश्नि की कन्या...
    १ KB (६८ शब्द) - ०५:४०, २२ मई २०१७
  • कहलाते हैं । इन तीन महाव्याहृतियों की भाँति चार और 'मह:', 'जन:', 'तप:' और 'सत्यम्' शब्द हैं, जो तीनों महाव्याहृतियों के साथ मिलकर सप्तव्याहृति कहलाते हैं...
    ७ KB (४६४ शब्द) - ०८:१३, २६ मई २०१६