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भावना

विक्षनरी से

संज्ञा

  1. विचार, सोच

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

भावना ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. मन में किसी प्रकार की चिंता करना । ध्यान । विचार । ख्याल । उ॰— जाकी रही भावना जैसी । हरिमूरति देखी तिन्ह तैसी । — तुलसी (शब्द॰) ।

भावना पु ^२ क्रि॰ अ॰ अच्छा लगना । पसंद आना । रुचना । उ॰— (क) मन भावै तिहारै तुम सोई करौ, हमें नेह को नातो निबाहनो है (शब्द॰) ।—(ख) गुन अवगुन जानत सब कोई । जो जेहि भाव नीक तेहि सोई ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) जग भल कहहिं भाव सब काहू । हठ कीन्हें अंतहु उर दाहू ।—तुलसी (शब्द॰) ।

भावना ^३ वि॰ [हिं॰ भावना (=अच्छा लगना)] जो अच्छा लगे । प्रिय । प्यारा ।