संघर्ष
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
संघर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्घर्ष]
१. एक चीज का दूसरी चीज के साथ रगड़ खाना । संघर्षण । रगड़ । घिस्सा ।
२. दो विरोधी व्यक्तियों या दलों आदि में स्वार्थ के विरोध के कारण होनेवाली प्रतियोगिता या स्पर्धा ।
३. वह अंहकारसूचक वाक्य जो अपने प्रतिपक्षी के सामने अपना बड़प्पन जतलाने के लिये कहा जाय ।
४. किसी चीज को घोटने या रगड़ने की क्रिया । रगड़ना । घिसना ।
५. असूया । ईर्ष्या । डाह (को॰) ।
६. कामोद्दीपन । कामोत्तेजना (को॰) ।
७. शत्रुता । बैर भाव (को॰) ।
८. धीरे धीरे चलना । टहलना ।
९. शर्त लगाना । बाजी लगाना ।