अनुमान
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अनुमान संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] [वि॰ अनुमानित, अनुसित]
१. अटकल अंदाजा ।
२. विचार । भावना । कयास ।
३. न्याय के अनुसार प्रमाण के चार भेदो में से एक । विशेष—इससे प्रत्यक्ष साधन द्वारा अप्रत्यक्ष साध्य की भावना होती है । इसके तीन भेद हैं—(को) पूर्ववत् या केवलान्वयी जिसमें कारण द्वारा कार्य का ज्ञान हो । जैसे, बादल देखकर यह भावना करना कि पानी बरसेगा । (ख) शेषवत् या व्यतिरेकी, जिसमें कार्य को प्रत्यक्ष देखकर कारण का अनुमान किया जाय । जैसे, नदी की बाढ़ देखकर अनुमान करना कि उसके चढ़ाव की और पानी बरसा है । और (ग) सामान्यतोदृष्ट या अन्वयव्यतिरेकी, जिसमें नित्यप्रति के सामान्य व्यापार को देखकर विशेष व्यापार का अनुमान किया जाता है । जैसे, किसी वस्तु को स्थानांतर में देखकर उसके वहाँ लाए जाने का अनुमान ।