सामग्री पर जाएँ

कल्पना

विक्षनरी से

संज्ञा

  1. अनुमान, विचार
  2. मन में सोची गई

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

कल्पना संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. रचना । बनावट । सदावट । यौ॰— प्रबंधकल्पना ।

२. वह शक्ति जो अंतःकरण में ऐसी वस्तुओं स्वरूप के स्वरूप उपस्थित करती है जो उस समय इद्रियों के संमुख उपस्थित नहीं होती । उद् भावना । अनुमान । संकल्पनशीलता की शक्ति । विशेष— काव्य, उपन्यास, चित्र अदि इसी शक्ति के द्वारा बनते हैं । क्रि॰ प्र॰— करना । — होना । यो॰— कल्पनाप्रसूत । कल्पनाशक्ति ।

३. किसी एक वस्तु में अन्य वस्तु का आरोप । अध्यारोप । जैसे, रस्सी में साँप की भावना ।

४. भावना । मान लेना । फर्ज । जैसे— कल्पना करो कि अ ब एक सरल रेखा है ।

५. मनगढंत बात । जैसे— यह सब तुम्हारी कल्पना है । क्रि॰ प्र॰— करना ।

६. पाश्चात्य साहित्यालोचन और सौंदर्यशास्त्र के अनुसार कलात्मक सर्जना की शक्ति ।

७. सवारी के लिए हाथी की सजावट ।

कल्पना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ कल्पना ] दे॰ 'कल्पना'