गुरुदक्षिणा
दिखावट
व्युत्पत्ति
[सम्पादन]गुरु (guru) + दक्षिणा (dakṣiṇā)
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गुरुदक्षिणा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] विद्या पढ़ने पर जो दक्षिणा गुरु को दी जाय । आचार्य को दी जानेवाली भेंट । विशेष— जब लोग गुरु के पास विद्या पढ़ने जाते थे तब घर आने के समय गुरु को वही दक्षिणा देते थे जो गुरु माँगे और गुरु का भरपूर संतोष कर स्नातक की पदवी पाकर गृहस्थ होते थे ।