सतभक्ति

विक्षनरी से

सत भक्ति वही है जिसका प्रमाण शास्त्र में हो अर्थार्त शास्त्रों में बताई विधि से हो। सतभक्ति पूर्ण सन्त यानी असली सतगुरु के द्वारा बताई जाती है। जिसका पूज्य पूर्णप्रमात्मा होता है यानी सर्वशक्तिमान परमेश्वर होता है। जिसकी भक्ति से साधक को पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।



शास्त्रानुसार भक्ति करने से ही लाभ है ।

गीता जी के अध्याय 16 के श्लोक 23 में लिखा है कि शास्त्रविधि को त्यागकर जो मनमाना आचरण करते हैं उसको न कोई सुख मिलता है, न सिद्धि प्राप्त होती है।