स्थल
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
स्थल संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. भूमि । भूभाग । जमीन ।
२. जलशून्य भूभाग । खुश्की । जैसे,—स्थल मार्ग से जाने में बहुत दिन लगेंगे ।
३. स्थान । जगह ।
४. अवसर । मौका ।
५. टीला । ढूह ।
६. तंबू । पटवास ।
७. पुस्तक का एक अंश । परिच्छेद ।
८. भागवत में वर्णित बल के एक पुत्र का नाम ।
९. निर्जन और मरु भूमि जिसमें जल बहुत कम हो । विशेष—सिंध और कच्छ प्रदेश में ऐसे स्थानों को 'थर' कहते हैं ।
१०. तट । किनारा । बेला (को॰) ।
११. ठहरने की जगह । पड़ाव (को॰) ।
१२. प्रस्ताव । प्रसंग । विषय (को॰) ।
१३. पाठ (को॰) ।
१४. प्रासद की छत (को॰) ।