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- सार । गुर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुण] तीन की संख्या । (डिं॰) । गुर ^३ † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ गुड़] दे॰ 'गुड' । गुर ^४ †पु संज्ञा पुं॰ [सं॰गुरु] दे॰ 'गुरु' ।...८६३ B (४६ शब्द) - १८:१४, २४ मई २०१६
- गूरू पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुरू] दे॰ 'गुरू' । उ॰—सूरी मेलु हस्ति कर पूरू । हौं नहिं जानौ जानौ गुरू ।—जायसी ग्रं॰ (गुप्त), पृ॰ २८४ ।...५८२ B (२४ शब्द) - १८:१९, २४ मई २०१६
- आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त कर ली हो। ९. गुरु' शब्द में 'गु' का अर्थ है 'अंधकार' और 'रु' का अर्थ है 'प्रकाश' अर्थात् गुरु का शाब्दिक अर्थ हुआ 'अंधकार से प्रकाश...७ KB (३९४ शब्द) - १४:२७, ११ जुलाई २०२३
- गूरा † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ गुल्ला] गुल्ला । ढेला ।...३८१ B (७ शब्द) - १८:१९, २४ मई २०१६
- गुरना पु क्रि॰ अ॰ [हिं॰ धुलना] गलना । घुलना ।...३७२ B (८ शब्द) - १८:१४, २४ मई २०१६
- लूर ‡ संज्ञा पुं॰ [?] गुर । गुन । शऊर ।...३५० B (६ शब्द) - ०८:०९, २६ मई २०१६
- गूरुमुखी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गुर = मुखी] गुरु नानक की चलाई हुई एक प्रकार की लिपि । विशेष— **यह पंजाब में प्रचलित है और देवनागरी का परिवर्त्तित रूप मात्र...६६३ B (२८ शब्द) - १८:१९, २४ मई २०१६
- पुं॰ [सं॰ पुरोहित] दे॰ 'पुरोहित' । उ॰—गुरु नृप, गुरु माता पिता, गुरु प्रोहित, गुरु छंद । बिहफे गुरु दीरध गूरू, सब के गुरु गोबिंद ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ७४ ।...६८३ B (२९ शब्द) - ०९:१३, २५ मई २०१६
- गुरुद्वारा संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुरु + द्वार] १. गुरु का स्थान । आचार्य या गुरु के रहने की जगह । २. सिखों का मंदिर या मठ ।...५६७ B (२३ शब्द) - १८:१५, २४ मई २०१६
- आजागुरु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ आजा+ गुरु] १. गुरु का गुरु । २. गुरु का आजा या दादा ।...४६८ B (१६ शब्द) - १३:२९, २४ मई २०१६
- राजश्रृंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ राजश्रृंग] राजकीय छत्र । राजछत्र । २. मद् गुर मत्स्य । माँगुर मछली [को॰] ।...५२४ B (१५ शब्द) - ०७:२२, २६ मई २०१६
- राजश्रृंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ राजश्रृंग] राजकीय छत्र । राजछत्र । २. मद् गुर मत्स्य । माँगुर मछली [को॰] ।...५२४ B (१५ शब्द) - ०७:२२, २६ मई २०१६
- सिंमृति † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्मृति] स्मृति ग्रंथ । उ॰—गुर मति वेद सिंमृति अभ्यास ।—प्रा॰, पृ॰ २२८ ।...५२२ B (१६ शब्द) - २१:०९, २६ मई २०१६
- गुरुप्राई संज्ञा स्त्री [सं॰ गुरु + आई(प्रत्य॰)] १. गुरु का धर्म । २. गुरु का कृत्य । गुरु का काम । ३. चालाकी । धूर्तता ।...५८० B (२१ शब्द) - १८:१५, २४ मई २०१६
- लुर ^१ वि॰ [फा॰] उजड्ड । घामड़ । मूर्ख । बुद्धिहीन [को॰] । लुर ‡ ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] गुर । शऊर । समझ ।...५१७ B (१७ शब्द) - ०८:०८, २६ मई २०१६
- गुरु के क्रम के अनुसार गण ८ माने गए हैं, यथा— मगण—५५५ (गुरु गुरु गुरु) जैसे, माधो जू । यगण—१५५ (लघु गुरु गुरु) जैसे, सुनो रे । रगण—५१५ (गुरु लघु गुरु)...३ KB (२०३ शब्द) - ००:२०, १ सितम्बर २०२१
- अंतिकाल पु संज्ञा पुं॰ दे॰ 'अंतकाल' । उ॰—गुर परसादै भिष्या षाइबा, अंतिकालि न होइगी भारी ।—गोरख॰, पृ॰ ३७ ।...५१२ B (१८ शब्द) - ०७:२१, १० दिसम्बर २०१६
- अंतिकाल पु संज्ञा पुं॰ दे॰ 'अंतकाल' । उ॰—गुर परसादै भिष्या षाइबा, अंतिकालि न होइगी भारी ।—गोरख॰, पृ॰ ३७ ।...५१२ B (१८ शब्द) - ०६:३२, १० दिसम्बर २०१६
- गुरुभाई संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुरु + हि॰ भाई] दो या दो से अधिक ऐसे पुरुष जिनमें से प्रत्येक का गुरु वही हो जो दूसरे का । एक ही गुरु के शिष्य ।...६०२ B (२९ शब्द) - १८:१५, २४ मई २०१६
- चिकटा वि॰ [हिं॰ चिकट] दे॰ 'चिकट' । उ॰—गुरु गुरु अंतर जानौ भाई । गुरु चिकटा गुरु चोख जनाई ।—तुरसी सा॰, पृ॰ ३११ ।...५३८ B (२१ शब्द) - १९:२३, २४ मई २०१६