कठपुतली
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
कठपुतली संज्ञा पुं॰ [हिं॰ काठ+ पुतली]
१. काठ की बनी हुई पुतली । काठ की गुड़िया या मूर्ति जिसको तार द्वारा नचाते हैं । यौ॰.—कठपुतली का नाच=एक खेल जिसमें काठ की पुतलियाँ तार या घोड़े के बाल के सहारे नचाई जाती हैं ।
२. वह व्यक्ति जों दूसरे के कहे पर काम करे, अपनी बुद्धि से कुछ न करे । जैसे,—वे तो उन लोगों के हाथ की कठपुतली हो रहे । यौ॰.—कठपुतली सरकार =वह सरकार जो किसी बाहरी शक्ति द्वारा प्रेरित हो ।