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उद्वेग

विक्षनरी से

संज्ञा

  1. डर, दहशत, भय, घबराहट

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

उद्वेग संज्ञा पुं॰ [वि॰ उद्विग्न]

१. चित्त की आकुलता । घबराहट ।

२. मनोवेग । चित्त की तीव्र वृत्ति । आवेश । जोश । जैसे,—मन के उद्वेंगों को दबाए रखना चाहिए ।

३. झोंक जौसे,—क्रोध के उद्वेग में उसने यह काम किया है ।

४. रस की दस दशाऔं में से एक । वियोग समय की वह व्याकुलता जिसमें चित्त एक जगह स्थिर नहीं रहता ।

५. विस्मय, आश्चर्य (को॰) ।

६. भय । डर । (को॰) ।

७. सुपारी । पुँगीफल (को॰) ।

उद्वेग वि॰

१. शांत ।

२. धैर्यवान् । धीर ।

३. दे॰ 'उद्वाहु' ।

४. शीघ्र जानेवाला ।

५. आरोहणकर्ता [को॰] ।