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आकाश

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आकाश

हिन्दी

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उच्चारण

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मानी और परिभाषा

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आकाश; संज्ञा; पुलिंग

  1. ज़मीन के ऊपर वह फैला हुआ और अपार गगन व फ़िज़ा, जिसमे सूरज, चाँद, सितारे, बादल, और दीगर खगोलीय वस्तुएँ नज़र आतीं हैं।
    पर्यायवाची: आसमान/آسمان (āsmān), फ़लक/فلک (falak), समा/سما (samā), अम्बर/امبر (ambar), तारापथ/تاراپتھ (tārāpath)
    विलोम: पृथ्वी/پرتھوی (pŕthvī), ज़मीन/زمین (zamīn), धरती/دھرتی (dhartī)
    उधाहरण: माना के आकाश को छू कोई नहीं सकता,मगर देख सब सकते हैं।

शब्दसफ़र

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इसे संस्कृत के आकाशः से लिया गया है, जो (हर तरफ़, चारों ओर) + काश्(चमकता) + घञ् से मिल कर बना है (यानी: जहाँ हर तरफ़ से सूरज, चाँद, सितारे, वग़ैरा चमकते और जगमगाते हैं)।

मुहावरें

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  1. आकाश छूना या छुमना = बहुत ऊँचा होना
  2. आकाश पाताल एक करना = सारा ज़ोर लगा देना, भारी मेहनत करना
  3. आकाश बाँधना= अनहोनी बात कहना । नामुमकिन बात कहना

कहावतें

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  1. आकाश बांधे पाताल बांधे घर की टट्टी खुली = बड़े बड़े काम का दावा करना (जैसे कि आकाश और पाताल बांधना), मगर अपने घर की छोटी सी बात (जैसे कि शौचालय के दरवाज़े का इनतेज़ाम) भी ठीक न कर पाए।

नातेदार शब्द

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हवाला

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