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  • धर्मोंत्तर वि॰ [सं॰ धर्म + उत्तर] धर्म से परे । धर्म से बड़ा । महान् । दैवी । उ॰— है काम तुम्हारा धर्मोत्तर ।—अपरा, पृ॰ १७८ ।...
    ५७४ B (२१ शब्द) - ०३:११, २५ मई २०१६
  • धर्मोंत्तर वि॰ [सं॰ धर्म + उत्तर] धर्म से परे । धर्म से बड़ा । महान् । दैवी । उ॰— है काम तुम्हारा धर्मोत्तर ।—अपरा, पृ॰ १७८ ।...
    ५७४ B (२१ शब्द) - ०३:११, २५ मई २०१६
  • देवत्व संज्ञा पुं॰ [सं॰] देवता होने का भाव या धर्म ।...
    ३९१ B (१० शब्द) - ०२:४५, २५ मई २०१६
  • धर्मपति संज्ञा पुं॰ [सं॰] धर्म पर अधिकार रखनेवाला पुरुष । धर्मात्मा । २. वरुण देवता ।...
    ४८६ B (१३ शब्द) - ०३:०९, २५ मई २०१६
  • सुरश्रेष्ठ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वह जो देवताओं में श्रेष्ठ हो । २. विष्णु । ३. शिव । ४. गणेश । ५. धर्म । ६. इंद्र ।...
    ५८१ B (२१ शब्द) - २१:५०, २६ मई २०१६
  • क्रि॰ सं॰ [सं॰ अर्पण] अर्पित करना । देना । उ॰—(क) केलि कर बाँधि धरि चरण तल अप्पिआ ।— कीर्ति॰, पृ॰ ६६ ।(ख) इसी विधि अप्पिय आयसु देव ।— राम॰ धर्म॰ पृ॰ ३४७ ।...
    ६५५ B (३१ शब्द) - ०७:२९, १० दिसम्बर २०१६
  • मुचिर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. दाता । दानशील । उदार । मुचिर ^२ संज्ञा पुं॰ १. धर्म । २. वायु । ३. देवता ।...
    ५३८ B (१९ शब्द) - ०५:३६, २२ मई २०१७
  • मरुत्वान् संज्ञा पुं॰ [सं॰ मरुत्वत्] १. इंद्र । २. महाभारत के अनुसार देवताओँ के एक गण का नाम जो धर्म के पुत्र माने जाते है । २. हनुमान ।...
    ६२५ B (२६ शब्द) - १२:१३, २५ मई २०१६
  • करामन कातवीन संज्ञा पुं॰ [अ॰ किरामा कातबीन] इस्लामी धर्म के अनुसार वे दैवी व्यक्ति जो लोगों के पुण्य या पाप कर्मों का लेखा जोखा तैयार करते हैं । उ॰—करामन...
    ८६१ B (४६ शब्द) - १५:४१, २४ मई २०१६
  • भाषाएँ थी जो आर्यों को अजीब सी मालूम होती थीं । आर्यों ने उनको अन्यव्रत इत्यादि कहा है जिससे जाहिर होता है कि उनको धर्म, देवता, नियम इत्यादि पृथक् थे ।...
    ८११ B (३८ शब्द) - २२:२३, २१ मई २०१७
  • लज्जायुक्त होने का भाव । शर्मिंदगी (को॰) । ३. दक्ष प्रजापति की कन्या जो धर्म की पत्नी मानी जाती है । ४. जैनों के अनुसार महामद्म नामक सरोबर की देवी का नाम ।...
    ८५८ B (४० शब्द) - १६:०९, ३ जनवरी २०२४
  • पुं॰ [सं॰] १. उत्म धर्म । पुण्य कर्तव्य । २. जैन तीर्थंकर महावीर के दस शिष्यों में से एक । ३. किन्नरों के एक राजा का नाम । ४. देवताओं का एक वर्ग (को॰) ।...
    ८०५ B (३८ शब्द) - २१:३८, २६ मई २०१६
  • पु वि॰ [हिं॰ अन+ माप] जिसकी माप न की जा सके । अमेय । अपरिमाण । उ॰—नमो निरंजन देव किन पार न पायो, अमित अथाह अतोल नमो अनमाप अजायो ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ २२२ ।...
    ६३४ B (३२ शब्द) - ०७:०८, १० दिसम्बर २०१६
  • विजा़रत] वजीर का पद, धर्म या भाव । मंत्रित्व । उ॰—वजीर की तनखाह १. लाख रुपए की और विजारत के दस्तूर समेत २ लाख रुपए की सालाना है ।—देवी प्रसाद (शब्द॰) । २...
    ७६१ B (३७ शब्द) - ०९:१९, २६ मई २०१६
  • जहँ देहरो बिना पूज जहँ देव । बिन बाती दीपक जहाँ बिन मूरति तहँ सेव ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ ६१ । † २. खत्रियों आदि में वह गणेशपूजन जो विवाह यज्ञोपवीत आदि शुभ कर्मों...
    १ KB (६४ शब्द) - ०७:५८, २५ मई २०१६
  • आश्रयस्थान । २. टेक । सहारा । आधार । ३. विनय । नम्रता । शिष्टता । ४. स्नेह । प्रणय । अनुराग (को॰) । ५. महाभारत में वर्णित धर्म से उत्पन्न एक देवता ।...
    ८९८ B (३८ शब्द) - ०८:४९, २५ मई २०१६
  • जामुन का वृक्ष । ३. यम का भय । यमपाश (लाक्ष॰) । उ॰—जमुनियाँ की डार मोरी तोड़ देव हो ।—धरम॰ श॰, पृ॰ २९ । जमुनियाँ ^२ वि॰ जामुन के रंन का । जामुनी रंग का ।...
    ८६६ B (४५ शब्द) - २०:१३, २४ मई २०१६
  • चौथा, सातवाँ और दसवाँ स्थान । ८. बाधक । विघ्नकर्ता । उ॰—जो निज गो—द्विज देव धर्म कर्मों का कंटक ।—साकेत पृ॰ ४१७ । ९. बख्तर । कवच ।—डिं॰ । यौ॰—निष्कंटक ।...
    १ KB (८६ शब्द) - २२:४५, २१ मई २०१७
  • भाँति उस पिता के धर्म ऋण से उतृण होऊँ ।—तोताराम (शब्द॰) । २. जिसने उपकार का बदाला चुका दिया हो । उ॰— आप अपना आधा धन भी उसको दे देवें तब भी उसके ऋण से...
    ९१५ B (५२ शब्द) - १४:१७, २४ मई २०१६
  • प्रवर्तित धर्म । भारत का एक धर्म संप्रदाय जिसमें अहिंसा का परम धर्म माना जाता है और कोई ईश्वर या सृष्टिकर्ता नहीं माना जाता । विशष—जैन धर्म कितना प्राचीन...
    १२ KB (८२० शब्द) - २०:४२, २४ मई २०१६
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