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- rotsirotsy लोरी...११३ B (२ शब्द) - २२:०७, २१ मई २०१७
- लोर † ^१ वि॰ [सं॰ लोल] १. लोल । चंचल । उ॰—यह वाणी कहत ही लजानी समुझि भई जिय और । सुरश्याम मुख निरखि चली घर आनंद लोचन लोर ।—सूर (शब्द॰) । २. उत्सुक । इच्छुक...१ KB (८४ शब्द) - ०८:१६, २६ मई २०१६
- लोरना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ लोल] १. चंचल होना । २. लपकना । ललकना । उ॰—पुनि उठि जागि देखै मुकुर नारि ललचान अरक भरि लैन लोरै । सूर प्रभु भावती के सदा रस भरे...२ KB (९९ शब्द) - ०८:१६, २६ मई २०१६
- kamio लॉरी...१३२ B (२ शब्द) - २२:०५, २१ मई २०१७
- लौरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लेह, हिं॰ लैरू] बछिया । उ॰—सो सुनि राधिका काँपि गई डरि दौरि के लौरिहिं सी लपटानी ।— सुधानिधि, पृ॰ ११९ ।...५८७ B (२३ शब्द) - ०८:१९, २६ मई २०१६
- लोरा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लोल] १. एक प्रकार का गीत जो स्त्रियाँ बच्चों को सुलाने के लिये गाती हैं । साथ ही वे बच्चे को गो द में लेकर हिलाती भी जाती है;...८०४ B (४५ शब्द) - ०८:१६, २६ मई २०१६
- ज्वलका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] अग्निशिखा । आग की लपट । लौर ।...४०४ B (९ शब्द) - २०:४८, २४ मई २०१६
- लोरवा † संज्ञा पुं॰ [देशी लार+वा (प्रत्य॰)] आसु । लोर । (पूरब) ।...४१३ B (१० शब्द) - ०८:१६, २६ मई २०१६
- लोत्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. नेत्रजल । आँसु । लोर । २. चोरी का धन । लूट का माल [को॰] ।...४७५ B (१६ शब्द) - ०८:१५, २६ मई २०१६
- लोत संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. आसु । लोर । २. चिह्न । निशान । ३. लूट का माल वा धन । ४. नमक [को॰] ।...५०३ B (१९ शब्द) - ०८:१५, २६ मई २०१६
- जूजी संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] कर्णपाली । कान की ललरी या लौर । उ॰— कोई अपनी जूजी छेदकर कड़ा पहन लेता और कोई उसको काट कर फेंक देता है ।—कबीर मं॰, पृ॰ ३६१ ।...६३९ B (३० शब्द) - २०:४०, २४ मई २०१६
- आंसू, अश्रु, लोर । अश्क संज्ञा पुं॰ [फा॰] अश्रु । आँसू । उ॰—कल जो टुक रोया किसी की याद में वह गुलबदन । अश्क थे आँखों में या मोती कुचलकर भर दिए ।—कविता...६६७ B (३५ शब्द) - ०६:२२, १० दिसम्बर २०१६
- [हिं॰ चोंच, अन्य रूप, चंच, चाँच, चूँच] दे॰ 'चंचु' । उ॰—बाबहिया तू चोर थारी चाँच कराविसूँ । राति ज दीन्हीं लोर मँइ जाणयउ प्री आवियउ ।—ढोला॰, दू॰ ३० ।...६९० B (३१ शब्द) - १९:१७, २४ मई २०१६
- मंडल वहि ओर जनु विषमंडल यहि ओर ।—गुमान (शब्द॰) । नोर ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लोर] अश्रु । आँसू । उ॰—(क) नहि नहि करए नयन ढर नोर । काँच कमल भमरा झिक झोर ।—...१ KB (६७ शब्द) - ०४:४३, २५ मई २०१६
- श्रवणगोचरता । श्रवण की सीमा । श्रोत्रपदा- नुग = श्रुतिप्रिय । श्रोत्रपालि = कान की लोर या ललरी । श्रोत्र- पुट = (१) कर्णपुट । (२) कान की ललरी । श्रोत्रपेय = कानों...२ KB (९० शब्द) - ११:५६, २६ मई २०१६
- क्रि॰ स॰ [सं॰ छिन्न+हिं॰ ना (प्रत्य॰)] १. छिन्न करना । काटकर अलग करना । उ॰—लोर हू तैं न्यारौ कीनौ चक्र बक्र सीस छीनौ देवकी के प्यारे लाल एँचि लाए थल में...२ KB (१२७ शब्द) - १९:५७, २४ मई २०१६
- न सके । पकड़ना । थामना । ग्रहण करना । जैसे,—(क) चोर धरना । (ख) इसका हाथ लोर से धर रहो, नहीं तो भार जायगा । (ग) यह चिमटा अच्छी तरह धरती नहीं । य़ौ॰—करना...६ KB (४५३ शब्द) - ०३:०८, २५ मई २०१६