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  • व्यवहार करते थे । (गुप्तों के शिलालेख) । इसी प्रकार पुत्र पिता को पत्र लिखने में या कोई व्यक्ति अपने पूर्वज का उल्लेख करते समय अपने लिये इस शब्द का व्यवहार...
    १ KB (६७ शब्द) - ०७:१३, २५ मई २०१६
  • पृथ्वीराज रासो आदि पीछे के ग्रंथों के आधार पर ही कल्पित जान पड़ती है, क्योंकि विक्रम सं॰ ६३५ से लेकर१६००तक के अनेक शिलालेखों, दानपत्रों आदि में इनका चंद्रवेशी...
    ३ KB (१६६ शब्द) - २२:२१, २६ मई २०१६
  • पृथ्वीराज रासो आदि पीछे के ग्रंथों के आधार पर ही कल्पित जान पड़ती है, क्योंकि विक्रम सं॰ ६३५ से लेकर१६००तक के अनेक शिलालेखों, दानपत्रों आदि में इनका चंद्रवेशी...
    ३ KB (१६६ शब्द) - २२:२१, २६ मई २०१६
  • मिला हो । जो थोड़े समय से मालुम हुआ हो या सामने आया हो । जैसे,—(ख) कोलंबस ने एक नए महाद्विप का पता लगाया था । (ख) अशोक का एक नया शिलालेख मिला है । (ग) नए...
    ४ KB (३०५ शब्द) - २३:०६, २१ मई २०१७
  • आश्रम से साढ़े तीन योजन दक्षिण की ओर लिखा है । २. चित्तौर (शिलालेखों में चित्तौर का यही नाम आता है) । ३. हिमवत् खंड के अनुसार हिमालय के एक श्रृंग का नाम ।...
    २ KB (११३ शब्द) - १९:२६, २४ मई २०१६
  • (अयोध्या) पर हुआ था, वह पुष्यामित्र के ही राजत्व काल में । पुष्यमित्र के समय का उसी के किसी सामंत या कर्मचारी का एक शिलालेख अभी हाल में अयोध्या में मिला है...
    ६ KB (४०५ शब्द) - २१:३३, २६ मई २०१६
  • (अयोध्या) पर हुआ था, वह पुष्यामित्र के ही राजत्व काल में । पुष्यमित्र के समय का उसी के किसी सामंत या कर्मचारी का एक शिलालेख अभी हाल में अयोध्या में मिला है...
    ६ KB (४०५ शब्द) - २१:२५, २६ मई २०१६
  • कालिंजर का किला बनवाया । खजुराहो के शिलालेखों सें लिखा है कि मरीचि के पुत्र अत्रि को चंद्रात्रेय नाम वा एक पुत्र था । उसी के नाम पर यह चंद्रात्रेय नाम का...
    ३ KB (२२६ शब्द) - २०:४८, १८ फ़रवरी २०२४
  • दिल्ली (श्रेणी हिंदी शब्द ऑडियो कड़ियों के साथ)
    हो गया । पर कील या स्तंभ पर जो शिलालेख है उससे इस प्रवाद का पूरा खंडन हो जाता है क्योंकि उसमें अनंगपाल से बहुत पहले के किसी चंद्र नामक राजा (शायद चंद्रगुप्त...
    ६ KB (४३० शब्द) - २१:५३, १७ जुलाई २०२३
  • उल्लेख है— 'पञ्चनद रमठ पारत तारक्षिति श्रृंग वैश्य कनक शकाः । पुराने शिलालेखों में 'पार्थव' रूप मिलता हैं जिससे युनानी 'पार्थिया' शब्द बना है । युरोपीय...
    ४ KB (२४२ शब्द) - ०७:१८, २५ मई २०१६
  • जहाँ से नागर ब्राह्मण गए । गुजरात में दुसरी ओर सातवीं शताब्दी के बीच के बहुत से शिलालेख, ताम्रपत्र आदि मिले हैं जो ब्राह्मी और दक्षिणी शैली की पश्चिमी...
    १५ KB (१,०७५ शब्द) - ००:५०, ९ जुलाई २०२३
  • + हिं॰ मारना] राजपूतों का एक कुल जो अग्निकुल के अंतर्गत है । पँवार । विशेष—परमारों की उत्पत्ति शिलालेखों तथा पद्मगुप्तरचित 'नवसाहसांकचरित' नामक ग्रंथ...
    १२ KB (८२५ शब्द) - ०६:३३, २५ मई २०१६
  • पतन हुआ तब इसके आसपास का सारा प्रदेश द्बारसमुद्र के यादव राजाओं के हाथ आया । कई शिलालेखों में इन यादव राजाओं की जो वंशावली मिली है वह इस प्रकार है— सिंघन...
    ५ KB (३२५ शब्द) - ०२:४४, २५ मई २०१६
  • को परास्त करके भारत से बाहर निकाल दिया था । इस विषय में तथ्य के निर्णय में कतिपय शिलालेख और उज्जयिनो में खुदाई मे निकले मंदिर आदि अत्यंत सहायक सिद्ध हुए...
    ९ KB (६७७ शब्द) - ०९:१३, २६ मई २०१६
  • से पहले का है । उदयगिरि, जूनागढ आदि के शिलालेखों से भी जैनमत की प्राचीनता पाई जाती है । ऐसा जान पडता है कि यज्ञों के हिंसा आदि देख जो विरोध का सूत्रपात...
    १२ KB (८२० शब्द) - २०:४२, २४ मई २०१६
  • पार्थिया निवासियों पारदों— की अपभ्रश संज्ञा मानते हैं । पारस के कुछ पहाड़ी स्थानो में प्राप्त शिलालेखों में 'पार्थव' नाम की एक जाति का उल्लेख है । डा॰ हाग आदि...
    १० KB (६९८ शब्द) - ०७:०२, २५ मई २०१६