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  • पराकोटि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. पराकाष्ठा । २. ब्रह्मा की आधी आयु ।...
    ४४४ B (११ शब्द) - ०६:३५, २५ मई २०१६
  • लिखने में अठारह अंक लिखने पड़ें । १, ॰॰, ॰॰, ॰॰, ॰॰, ॰॰, ॰॰,॰॰, ॰॰० । एक शंख । २. ब्रह्मा की आयु का आधा काल । ३. परवर्ती आधा । पूर्वार्ध का उलटा (को॰) ।...
    ८०७ B (३५ शब्द) - ०६:३६, २५ मई २०१६
  • अतिकल्प संज्ञा पुं॰ [सं॰] पुराणनुसार उतना काल जितने में एक ब्रह्मा की आयु पूरी होती है; अर्थात् ३१ नील, १० खरब, ४० अरब वर्ष । ब्रह्मकल्प । उ॰—सत्य संकल्प...
    ७५२ B (३४ शब्द) - ०६:५६, १० दिसम्बर २०१६
  • ब्रह्मप्रलय संज्ञा पुं॰ [सं॰] सृष्टिचक्र का वह प्रलय या विनाश जो ब्रह्मा की १०० वर्ष की आयु की समाप्ति पर होता है [को॰] ।...
    ५६८ B (२३ शब्द) - १०:५४, २५ मई २०१६
  • मूल का शब्द है। शिखर ऊंचाई की सीमा अन्त पराकाष्ठा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. चरम सीमा । सीमांत । हद । अंत । २. गायत्री का एक भेद । ३. ब्रह्मा की आधी आयु ।...
    १ KB (५३ शब्द) - १३:५६, ८ जुलाई २०२३
  • ३. ब्रह्म । ४. ब्रह्मा । ५. मोक्ष । ६. न्याय में जाति या समान्य के दो भेदों में से एक । द्रव्य । गुण और कर्म की वृत्ति या सत्ता । ७. ब्रह्मा की आयु (को॰)...
    ६ KB (४८० शब्द) - २२:२०, २७ जुलाई २०२३
  • ।—रसनिधि (शब्द॰) । २. ब्रह्मा । विधाता । बिध ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ विधा (= लाभ)] जमा खर्च का हिसाब । आय व्यय का लेका । मुहा॰—बिध मिलना = आय व्यय का हिसाब ठीक...
    १ KB (८३ शब्द) - १०:२२, २५ मई २०१६
  • 'इति नहीं' अर्थात् 'अंत नहीं है' । ब्रह्म या ईश्वर के संबंध में यह वाक्य उपनिषदों में अनंतता सूचित करने के लिंये आया है । उ॰— नेति नेति कहि वेद पुकारा...
    ८०७ B (४१ शब्द) - ०४:३९, २५ मई २०१६
  • आरंभ इक्ष्वाकु से माना जाता है । विशेष—पुराणानुसार परमेश्वर के पुत्र ब्रह्मा, ब्रह्मा के मरीचि, मरीचि के कश्यप, कश्यप के सूर्य, सूर्य के वैवस्वत मनु और वैवस्वत...
    २ KB (११२ शब्द) - २२:०८, २६ मई २०१६
  • ही है', आया है । इस वाक्य से कहनेवाले का अभिप्राय ब्रह्म के सर्वज्ञत्व और श्वेतकेतु के अल्पज्ञत्व या ब्रह्म की सर्वव्यापिता और श्वेतकेतु की एकदेशिता...
    २ KB (१३२ शब्द) - २०:२३, २४ मई २०१६
  • भरना । उ॰—मेघनाद ब्रह्मा वर पायो । आहुति अगिनि जिवाइ संतोषी निकस्यो रथ बहु रतन बनायो । आयुध धरे समेत कवच सजि गरजि चढयो रणभूमिहि आयो । मनो मेघनायक ऋतु...
    १ KB (५८ शब्द) - २०:०४, २६ मई २०१६
  • भरना । उ॰—मेघनाद ब्रह्मा वर पायो । आहुति अगिनि जिवाइ संतोषी निकस्यो रथ बहु रतन बनायो । आयुध धरे समेत कवच सजि गरजि चढयो रणभूमिहि आयो । मनो मेघनायक ऋतु...
    १ KB (५८ शब्द) - १२:१०, २६ मई २०१६
  • मनाना । २. प्रसन्नता या खुशी की चरम अवस्था जो ब्रह्म की तीन प्रधान विभूतियों में सें एक है । उ॰— सत्, चित और आनंद, ब्रह्म के इन तीन स्वरूपों से काव्य और...
    ३ KB (१८२ शब्द) - ०२:०२, २४ अगस्त २०२१
  • अयोग्य व्यक्ति । अप्रिय व्यक्ति । तुच्छ जन । उ॰—हँसे खुलकर हाल बाहर अजन जन के बने मंगल ।—अर्चना, पृ॰ २७ । २. पितामह । ब्रह्मा (को॰) । ३. गति गमन (को॰) ।...
    १ KB (७५ शब्द) - २२:१७, २१ मई २०१७
  • पौत्र था । ब्रह्मा के कहने से इसने अपनी कन्या रेवती बलराम को ब्याही थी । रेवत पु ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ रय + वत (प्रत्य॰)] दे॰ 'रैवंता' । उ॰— आया अवधेसर सुणे...
    १ KB (८४ शब्द) - ०७:३८, २६ मई २०१६
  • मनाना । २. प्रसन्नता या खुशी की चरम अवस्था जो ब्रह्म की तीन प्रधान विभूतियों में सें एक है । उ॰— सत्, चित और आनंद, ब्रह्म के इन तीन स्वरूपों से काव्य और...
    ३ KB (१८२ शब्द) - २२:३४, २१ मई २०१७
  • विषधर हुए । इनसे प्रजा क्रमशः क्षीण होने लगी । प्रजा ने जाकर ब्रह्मा के यहाँ पुकार की, ब्रह्मा ने नागों को बुलाकर कहा, जिस प्रकार तुम हमारी सृष्टि का नाश...
    ७ KB (४९२ शब्द) - १२:४७, २१ जनवरी २०२४
  • निकल जाने का शब्द । जैसे,—तीर सन से निकल गया । सन ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. ब्रह्मा के चार मानस पुत्रों में से एक मानस- पुत्र । २. हाथी का कान फड़फड़ाना (को॰)...
    २ KB (१७२ शब्द) - ०५:४१, २२ मई २०१७
  • मानी गई हैं । शरीर के बाँए भाग में पिंगला नाड़ी होती है । ये तीनों क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु और शिव स्वरुपिणी हैं । तंत्रसार में लिखा है, इला नाड़ी में चंद्र...
    ४ KB (२९४ शब्द) - ०५:४४, ७ जनवरी २०२४
  • भाइ ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ भाँति] १. भाँति । प्रकार । तरह । उ॰— (क) तब ब्रह्मा सों कह्यो सिर नाइ । जै ह्वैहै हमरी किहि भाइ ।— सूर (शब्द॰) । (ख) आशु बरषि...
    २ KB (१३० शब्द) - ११:११, २५ मई २०१६
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