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विक्षनरी से
अं
क्ष त्र ज्ञ लृ श्र अः
सार्वभौमिक वर्ण समुच्चय
यूनिकोड नामदेवनागरी अक्षर
देवनागरीU+0905

उच्चारण

(file)

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

ख हिंदी वर्णमाला में स्पर्श व्यंजन के अंतर्गत कवर्ग का दूसरा अक्षर । यह महाप्राण है और इसका उच्चारण कंठ से होता है । क, ग, घ, और ङ इसके सवर्ण हैं ।

ख संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. गड्ढा । गर्त ।

२. खाली स्थान ।

३. निर्गम । निकास ।

४. छेद । बिल ।

५. इंद्रिय ।

६. गले की वह नाली जिसमें प्राणवायु आती जाती है ।

७. कुआँ ।

८. तीर का घाव ।

९. गाड़ी के पहिए की नाभि का छेद जिसमें धुरा रहता है । आख्या ।

१०. आकाश । स्वर्ग । देवलोक ।

१३. कर्म । क्रिया ।

१४. जन्मकपंडली में दसवाँ स्थान ।

१५. शून्य ।

१६. बिंदु । सिफर ।

१७. ब्रह्म ।

१८. शब्द ।

१९. अभ्रक ।

२०. मोक्ष । निर्वाण ।

२१. नगर । शहर (को॰) ।

२१. समझ । बोध (को॰) ।

२२. झरना (को॰) ।

२३. कूप । कुआँ (को॰)

२४. सूर्य (को॰) ।

२५. क्षेत्र (को॰) ।