छ
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हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
छ हिंदि वर्णमाला में व्यंजनों के स्पर्श नामक भेद के अंतर्गत चवर्ग का दूसरा व्यंजन । इसके उच्चारण का स्यान तालु है । इसके उच्चारण में अघोष और महाप्राण नामक प्रयत्न लगते हैं ।
छ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. काटना ।
२. ढाँकना । आच्छादन ।
३. घर ।
४. खंड़ । टुकड़ा ।
छ ^२ वि॰ [सं॰]
१. निर्मल । साफ ।
२. तरल । चंचल ।
छ ^३ वि॰ [सं॰ षट्, प्रा॰ छ] गिनती में पाँच से एक अधिक । जो संख्या में पाँच और एक हो । छ: । छह ।
छ ^४ संज्ञा पुं॰
१. वह संख्या जो पाँच से एक अधिक हो ।
२. उस संख्या का सूचक अक जो इस प्रकार लिखा जाता है—६ ।