ण
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यूनिकोड नाम | देवनागरी अक्षर ण |
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देवनागरी | U+0905 |
उच्चारण
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ण हिंदी या संस्कृत वर्णमाला का पंद्रहवाँ व्यंजव । इसका उच्चारण- स्थान मूर्धा है । इसके उच्चारण में आभ्यंतर प्रयत्न स्पृष्ट और सानुनासिक है । बाह्य प्रयत्न संवार नाद घोष और अल्पप्राण है । उसका संयोग मुधंन्य वर्ण, अंतस्थ तथा म और ह के साथ होता है ।
ण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] विंदुदेव । एक बुद्धा का नाम ।
२. आभूषण ।
३. निर्णय ।
४. ज्ञान ।
५. शिव का एक नाम ।
६. पानी का घर ।
७. दान ।
८. पिंगल में एक गण का नाम । वि॰ दे॰ 'जगण' ।
९. बुरा व्यक्ति । खराब आदमी ( को॰) ।
१०. अस्वीकारसूचक शब्द । न । नहीं (को॰) ।
ण ^२ वि॰ गुणरहित । गुणशून्य ।