फ
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फ
शीर्षक
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
फ हिंदी वर्णामाला में बाईसवाँ व्यंजन और पवर्ग का दूसरा वर्ण । इसके उच्चारण का स्थान ओष्ठ है और इसके उच्चारण में आभ्यंतर प्रयत्न होता है । इसे उच्चारण करने मे जीभ का अगला भाग होठों से लगता है । इसलिये इसे स्पर्श वर्ण कहते हैं । इसके बाह्य प्रयत्न, सवार, श्वास और अधोष हैं । इसकी गिनती गहाप्राण में होती है । प, व, भ और म इसके सवर्ण है ।
फ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कटु वाक्य । रूखा वचन ।
२. फुक्कार । फुक्कार ।
३. निष्फल भाषण ।
४. यक्षसाधन ।
५. अंधड़ ।
६. जम्हाई ।
७. स्फुट ।
८. फललाभ ।
९. वृद्धि । विस्तार । वर्धन (को॰) ।
फ ^२ वि॰ सुस्पष्ट । प्रकट । व्यक्ति । प्रत्यक्ष [को॰] ।