ङ
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हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ङ व्यंजन वर्ण का पाँचवाँ और कवर्ग का अंतिम अक्षर । यह स्पर्श वर्ण है, और इसका उच्चारण स्थान कंठ और नासिका है । इसमें संवार, नाद, घोष और अल्पप्राण नामक प्रयत्न लगते हैं ।
ङ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. सूँघने की शक्ति ।
२. गंध । सुगंध ।
३. शिव का एक नाम । भैरव ।
४. इंद्रियों का विष्य । इंद्रिय— विषय (को॰) ।
५. इच्छा । आकांक्षा । स्पृहा (को॰) । च