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विक्षनरी से
अं
क्ष त्र ज्ञ लृ श्र अः
सार्वभौमिक वर्ण समुच्चय
यूनिकोड नामदेवनागरी अक्षर
देवनागरीU+0905

उच्चारण

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(file)

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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घ हिंदी वर्णमाला के व्यंजनों में से कवर्ग का चौथा व्यंजन जिसका उच्चारण जिह्वामूल या कंठ से होता है । यह स्पर्श वर्ण हैं । इसमें घोष, नाद, संवार और महाप्राण प्रयत्न होते हैं ।